सैन्य अफसर को हिरासत में प्रताड़ित करने और मंगेतर के यौन शोषण केस की होगी न्यायिक जांच, सरकार का फैसला
भुवनेश्वर / पुलिस थाने में सेना के एक अधिकारी को कथित तौर पर प्रताड़ित करने और उनकी मंगेतर के साथ यौन उत्पीड़न के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने रविवार रात इससे जुड़ा आदेश जारी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार दोषी पाए जाने वाले सभी व्यक्तियों या अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव और पार्वती परिदा, राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी, कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद न्यायिक जांच के आदेश जारी किए।
60 दिन के अंदर सरकार को रिपोर्ट सौंपनी होगी
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, न्यायिक जांच की अध्यक्षता न्यायमूर्ति चित्तरंजन दास करेंगे। उन्हें 60 दिन के अंदर सरकार को रिपोर्ट सौंपनी होगी। राज्य सरकार ने ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा की जांच की निगरानी के लिए उड़ीसा उच्च न्यायालय से भी अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि राज्य सरकार भारतीय सेना का सम्मान करती है। सीएमओ ने एक बयान में कहा गया कि राज्य सरकार महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा और अधिकारों के बारे में पूरी तरह चिंतित है।”
भरतपुर थाने के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित
इस बीच राज्य सरकार ने भरतपुर थाने के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। उनके खिलाफ सेना अधिकारी को प्रताड़ित करने और उनकी मंगेतर का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। राज्य सरकार ने यह भी कहा कि 15 सितंबर की रात को सड़क पर सेना अधिकारी और उनकी मंगेतर के साथ दुर्व्यवहार करने वाले युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन्हें अदालत में पेश किया गया है।
24 सितंबर को भुवनेश्वर बंद का आह्वान
इससे पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर शिकायतकर्ताओं ने राज्य अतिथि गृह में दोनों उपमुख्यमंत्रियों, राजस्व मंत्री और कानून मंत्री के साथ बैठक की। सीएमओ ने बताया कि बैठक में महिला के पिता और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। बीजद अध्यक्ष और विपक्ष के नेता नवीन पटनायक ने अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच और घटना की न्यायिक जांच की मांग की थी। विपक्षी दल ने 24 सितंबर को भुवनेश्वर बंद का आह्वान भी किया है।
क्या है मामला?
कथित घटना 15 सितंबर को हुई थी, जब पश्चिम बंगाल में तैनात एक सैन्य अधिकारी और उसकी मंगेतर ने भरतपुर पुलिस थाने में रोड रेज की शिकायत दर्ज कराने आए थे। उन्हें कुछ स्थानीय युवकों ने कथित तौर पर उन्हें परेशान किया था। हालांकि, दोनों और कुछ पुलिसकर्मियों के बीच कहासुनी हो गई, जिसके बाद अधिकारी और उसकी मंगेतर को थाने में कथित तौर पर प्रताड़ना झेलनी पड़ी।