अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण को लेकर सख्त हुआ निगम प्रशासन

-अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण को लेकर निगम आयुक्त रोहित व्यास ने ली बड़ी बैठक, जोन आयुक्त सहित राजस्व विभाग के आला अधिकारी रहे मौजूद

भिलाई नगर 12 March, (Swarnim Savera) / अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण को लेकर निगम प्रशासन सख्त हो गया है। इसके दायरे में आने वाले सभी को नियमितीकरण कराना होगा। नियमितीकरण नहीं कराने वालों पर कार्यवाही भी होगी। अनाधिकृत विकास व निर्माण का नियमितीकरण कराने के लिए बहुत ही कम समय बचे हुए हैं, इस समय का फायदा उठाते हुए नियमितीकरण के लिए आर्किटेक्ट के माध्यम से शीघ्र आवेदन करना होगा अन्यथा कार्यवाही तय है। इसलिए शीघ्र ही नियमितीकरण के लिए अप्लाई कर ले और कार्यवाही से बचें। अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण के लिए आज निगम आयुक्त रोहित व्यास ने गहन समीक्षा की और वार्ड वार इसकी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि शासन की महत्वकांक्षी योजना के तहत नियमितीकरण की प्रक्रिया अभी जारी है, इसका लाभ सभी को लेना चाहिए। उन्होंने बैठक में फील्ड में आ रही समस्याओं की जानकारी ली तथा जोन क्षेत्रों में अनाधिकृत विकास व निर्माण के दायरे में आने वाले दुकानों और मकानों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण में तेजी लाने के लिए सभी वास्तुविद की सूची लोगों को प्रदान करें, प्रत्येक जोन क्षेत्र में इसकी सूची भी चस्पा करें, प्राप्त आवेदन पर कार्यवाही के लिए निगम स्तर पर निर्धारित समय अवधि भी निर्धारित करें ताकि समय पर आवेदन का निराकरण हो सके, नियमितीकरण के लिए प्राप्त आवेदनों पर फील्ड का निरीक्षण जोन स्तर पर अभियंता करेंगे, इससे प्रक्रियाओं में तेजी आएगी। सहायक राजस्व निरीक्षक तथा वास्तुविद स्तर पर भी आवेदनों की समीक्षा बैठकों में की जायेगी और इस आधार पर कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी तय होगी। अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण के दायरे में लाने के लिए अधिक से अधिक लोगों से संपर्क करने के निर्देश बैठक में आयुक्त ने दिए। उल्लेखनीय है कि 14 जुलाई 2022 से अनाधिकृत विकास व निर्माण के नियमितीकरण के तहत आवेदन लेने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई है और इस तिथि से 1 वर्ष बाद तक ही नियमितीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस मुताबिक नियमितीकरण के आवेदन के लिए बहुत ही कम समय शेष है बल्कि कुछ महीने ही बचे है। आयुक्त ने बैठक में राजस्व अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि नियमितीकरण के दायरे में लाने के लिए फील्ड स्तर पर हर संभव प्रयास करें, राजस्व के कर्मचारी इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई न बरते। आज की बैठक में नगर तथा ग्राम निवेश के सहायक संचालक प्रतीक दीक्षित, अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, जोन आयुक्त राजेंद्र नायक, येशा लहरे, पूजा पिल्ले तथा खिरोद्र भोई, जोन के समस्त राजस्व विभाग के कर्मचारी तथा निगम क्षेत्र के वास्तुविद बैठक में मौजूद रहे।
नियमितीकरण के लिए अपनाएं यह प्रक्रिया प्रभारी भवन अधिकारी तपन अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि नियमितीकरण के लिए नियमितीकरण का आवेदन फार्म आर्किटेक्ट के जरिए जमा करना होगा। इसके अलावा लीज/लाइसेंस/आबंटन संबंधी दस्तावेज जो जीवित हो। भवन का निर्माण अधिसूचित तिथि के पूर्व यानि कि 14 जुलाई 2022 के पूर्व होने का प्रमाण पत्र, यथा बिजली बिल, संपत्तिकर की प्रति या अन्य आवश्यक दस्तावेज, निगम से पंजीकृत वास्तुविद/आर्किटेक्ट के द्वारा तैयार भवन मानचित्र, बिल्डिंग प्लान की प्रति, सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृत भवन अनुज्ञा, भवन पूर्णत: प्रमाण पत्र की छाया प्रति यदि उपलब्ध हो तो, शपथ पत्र अ एवं ब में अनाधिकृत विकास के नियमितीकरण कराने के लिए देना होगा।

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