पत्नी पूनम और बेटे के साथ बटकी में बासी खाई सांसद बैज ने
श्रमिक दिवस पर सांसद दीपक बैज ने किया श्रमवीरों को नमन =
= नून, प्याज और हरी मिर्च के साथ सपरिवार उठाया बासी का लुत्फ =
जगदलपुर 01 May, (Swarnim Savera) । बटकी में बासी अउ चुटकी में नून, मे गावत हों दादरिया, तै कान देके सुन ओ, चना के दार राजा, चना के दार रानी …। यह दादरिया गीत छत्तीसगढ़ में बेहद लोकप्रिय रहा है। हर वक्त इस गाने को सुन लोग झूमते रहते हैं। आज भी आकाशवाणी रायपुर से इस गीत का प्रसारण होता है। अब इस गीत को सार्थक कर हैं बस्तर के सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल और अन्य कांग्रेस नेता।
बस्तर संभाग में 1 मई को श्रमिक दिवस के मौके पर सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव एवं जगदलपुर के विधायक रेखचंद, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल ने अपने अपने परिवार के सदस्यों के संग बैठकर नून, प्याज, हरी मिर्च के साथ बासी का आनंद लिया। बासी के संग नमक व गोंदली ( प्याज ) के महत्व को अपनी आवाज से जन – जन तक पहुंचाने वाले ‘छत्तीसगढ़ के मोहम्मद
रफी’ के खिताब से नवाजे गए मशहूर छत्तीसगढ़ी गायक शेख हुसैन आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके गाए गीत अजर अमर हो गए हैं। शेख हुसैन गया गीत ‘बटकी में बासी अउ चुटकी में नून, ते कान देके सुन ओ…. चना के दार राजा, चना के दार रानी..’ आज 1 मई को बस्तर समेत पूरे प्रदेश में अपनी सार्थकता सिद्ध करता दिखा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में 1 मई को श्रमिक दिवस के साथ ही बोरे बासी दिवस भी मनाने का फैसला किया है। बीते साल की तरह इस साल भी कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों और नेताओं ने नून, प्याज और हरी मिर्च के साथ बासी खाकर श्रमिकों की कर्मशीलता को नमन किया। बस्तर के सांसद दीपक बैज ने अपनी धर्मपत्नी पूनम बैज और पुत्र के संग अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर मेहनतकश मजदूरों के सम्मान में प्याज, हरी मिर्च, नून और चटनी के साथ बासी का लुत्फ़ उठाया। सांसद श्री बैज ने अपनी अर्धांगिनी पूनम बैज को बासी खाते हुए शेख हुसैन का दादरिया गीत गाकर सुनाया या नहीं, यह तो पता नहीं चल पाया, लेकिन बासी खाते समय वे कोई गाना जरूर गुनगुना रहे थे ऐसा उनके करीबियों का कहना है। सांसद श्री बैज, पूनम बैज और उनके पुत्र ने अलग – अलग बटकियों में बासी खाते नजर आए।
लखेश्वर बघेल ने भी खाई बोरे बासी
बस्तर के विधायक एवं बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने मेहनतकशों के समान में बोरे बासी खाई। श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खानपान की गौरवशाली परंपरा रही है, जो अब और समृद्ध हो रही है। छत्तीसगढ़ के खानपान में बोरे बासी की अपनी अलग पहचान है। इससे हमारा अभिमान और श्रम का सम्मान जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासियों, मजदूरों और समाज के मेहनतकश वर्ग के हित में महत्वपूर्ण कार्यक्रम शुरू किए हैं। इनमें बोरे बासी को खानपान में जोड़ने की पहल भी शामिल है। श्री बघेल ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ियों ने बोरे बासी खाकर इस समृद्ध, शांत और श्रेष्ठ राज्य का निर्माण किया है।