सभी आवासीय व्यवसायिक परिसर को अनुबंध के मुताबिक सेवा शुल्क एवं भू भाटक लेकर के नियमों के तहत नियमित किया जाना चाहिए : ज्ञान चंद जैन

भिलाई 26 June (Swarnim Savera) / भिलाई इस्पात संयंत्र को राज्य शासन से पहल कर आमदी सेक्टर हुडको कि तरह भिलाई टाउनशिप के आवास एवं दुकाने जो लीज पद्धति पर भिलाई इस्पात संयंत्र ने शहर के उपभोक्ताओं को आवंटित किए हैं । इन सभी आवासीय भवनों एवं व्यवसायिक परिसरों को पंजीकृत करने के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन राज्य शासन से आग्रह करें एवं इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों के द्वारा अपने आवंटित भूमि पर किये गये निर्माण को नियमित करने की प्रक्रिया एवं दुकानों के आवासीय एवं व्यावसायिक परिसर को पंजीकृत किए जाने का आदेश जारी करने का अनुरोध करना चाहिए

भिलाई स्टील सिटी चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने कहा है कि भिलाई इस्पात संयंत्र ने निर्माण करने वाली संस्था हड़को के माध्यम से अपने कर्मचारियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आमदी सेक्टर हुडको में आवास बनाकर दिया था लेकिन समय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आवंटन धारी व्यक्तियों ने अतिरिक्त निर्माण ( बिना प्रशासनिक अनुमति ) अपनी सुविधा के लिए किया था किए गए निर्माण को पूर्व में भिलाई इस्पात संयंत्र ने वैधानिक मान्यता नहीं दी थी जिसके कारण सभी आवासीय परिसर में निवास करने वाले नागरिक अनेक परेशानियों का सामना कर रहे थे तत्कालीन राज्य सरकार ने राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे के निर्देश पर आवंटित निर्माण को राज्य शासन ने टोकन मनी लेकर नियमित कर दिया था । इसके पश्चात राज्य शासन ने पंजीयन की प्रक्रिया आरंभ की थी इसी प्रक्रिया को लागू किया जाना चाहिए 4500 एवं लगभग 6000 दुकानदारों के आवासीय भवनों पर हुए अतिरिक्त निर्माण को वैध किया जा सके और लगभग 10,000 उपभोक्ताओं को राज्य शासन की सुविधा का लाभ मिल सके । जैन ने कहा है कि यदि राज्य सरकार इन नियमों के तहत आवंटित क्षेत्र को नियमित कर देती है तो शहर के आवासीय परिसर मैं रहने वाले लोग शांतिपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकेंगे अन्यथा अतिरिक्त निर्माण के नाम पर भिलाई इस्पात संयंत्र अथवा नगर पालिक निगम मोटी राशि की मांग कर सकता है जिसका भुगतान कर पाने की स्थिति में शहर के उपभोक्ता नहीं है ऐसी स्थिति में समस्या यथावत बनी रहेगी चेंबर अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने मृदुभाषी एवं व्यवहार कुशल और छत्तीसगढ़ के विकास का सपना पूरा करने वाले लाडले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर शहर के उपभोक्ता नजरें गड़ाए बैठे है ताकि 10,000 आवास एवं दुकाने शासन की सुविधाओं का लाभ आम उपभोक्ता को मिल सके और एक विकराल समस्या का हल आसानी से हो सके ।।

ज्ञानचंद जैन ने कहा है कि भिलाई इस्पात संयंत्र लीज पद्धति पर आवंटित दुकानों एवं आवासीय परिसर के आवंटन के समय प्रीमियम की राशि भूमि दर के हिसाब से भिलाई इस्पात संयंत्र ने ले ली थी इसलिए अनुबंध के मुताबिक जिन आवंटन धारियों के आवासीय अथवा व्यवसायिक परिसर लीज समाप्त हो चुकी है उन सभी आवासीय व्यवसायिक परिसर को अनुबंध के मुताबिक सेवा शुल्क एवं भू भाटक लेकर के नियमों के तहत नियमित किया जाना चाहिए ।

ज्ञान चंद जैन ने कहा है कि भिलाई इस्पात संयंत्र ने रेल मिल के विस्तार के समय छत्तीसगढ़ शासन के तत्कालीन राजस्व सचिव ने कलेक्टर दुर्ग के कार्यालय में वर्ष 2002 में संपन्न बैठक में इस बात का निर्णय भी हुआ था की यदि कर्मचारी अपने आवासीय परिसर पर अतिरिक्त निर्माण कर लेता है तो भिलाई इस्पात संयंत्र स्वयं नगर निगम के नियमों के तहत नियमित करेगा अथवा संबंधित उपभोक्ता को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करेगा ताकि उपभोक्ता अपने निर्माण को नगर पालिक निगम के माध्यम से निर्मित करा सके भिलाई प्रबंधन को इसी दिशा में कार्य करना चाहिए

चेम्बर अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन से इसी दिशा में कार्य करने का अनुरोध किया है और पहल करने वाले भिलाई ऑफिसर एसोसिएशन से भी आग्रह किया है कि इसी दिशा में प्रयास किए जाएं ताकि दोनों वर्ग के लोगों को जो इस्पात संयंत्र की नजर में तृतीय पक्ष कहलाते हैं राहत मिल सके

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