सुलभ शौचालय का इस्तेमाल करना हुआ दुर्लभ
निर्माण में की गई मनमानी के कारण नहीं हो पा रही है गंदगी की निकासी
सुलभ में बजबजा रही है गंदगी, बदबू से लोग त्रस्त
बकावंड 10 Aug. (Swarnim Savera) । यहां तहसील कार्यालय परिसर में विधायक निधि से निर्मित सुलभ शौचालय का उपयोग करना दुर्लभ हो गया है। निर्माण में की गई मनमानी और बरती गई लापरवाही के कारण गंदगी की निकासी नहीं हो पा रही है। वहां से उठने वाली बदबू से तहसील कार्यालय के कर्मचारी और नागरिक परेशान हो चले हैं।
तहसील कार्यालय परिसर में वित्तीय वर्ष 2020-21 में सुलभ शौचालय का निर्माण पूर्ण किया गया था। इसके निर्माण के लिए विधायक निधि से 3.85 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। निर्माण में इस कदर मनमानी और लापरवाही की गई कि आज यह सुलभ शौचालय लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। टॉयलेट की सीटें मल से भरी रहती हैं। यूरिनल भी कचरे और बदबू से भरा हुआ है। वहां पानी की भी व्यवस्था नहीं है। निर्माण में बरती गई लापरवाही के कारण गंदगी की निकासी नहीं हो पा रही है। लोगों ने परेशान होकर सुलभ शौचालय का उपयोग करना बंद कर दिया है। अब लोग नित्यकर्म और लघुशंका के लिए बाहर जाने लगे हैं। बाहर से आने वाले लोग खुले में शौच करने पर मजबूर हो गए हैं। एक जिम्मेदार सरकारी दफ्तर में ऐसी अव्यवस्था के चलते स्वच्छ भारत अभियान की दुर्गति हो रही है। इस सुलभ शौचालय का निर्माण जनपद पंचायत बकावंड के सब इंजीनियर दुष्यंत सिंह ठाकुर के सुपरविजन में किया गया है। सुलभ शौचालय की सफाई पर न ग्राम पंचायत ध्यान दे रही है, न जनपद पंचायत और न ही तहसीलदार। कुल मिलाकर शौचालय की उपयोगिता नहीं रह गई है।