अविश्वास प्रस्ताव में हार के डर से मेयर ने किया पलायन : पाण्डेय
ननि की सामान्य सभा बैठक न होने पर नेता प्रतिपक्ष ने घेरा सत्ता पक्ष को =
*जगदलपुर।* विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर प्रस्तावित नगर निगम सामान्य सभा की बैठक न होने पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर जमकर हमला बोला। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष संजय पाण्डेय ने कहा कि हार के डर से महापौर, सभापति और एमआईसी सदस्य बैठक से पलायन कर गए। उन्होंने कलेक्टर पर भी सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
जगदलपुर नगर निगम में पिछले कई माह से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खींचतान चल रही है। विपक्ष का आरोप है कि नगर निगम के कार्यों में महापौर और एमआईसी सदस्यों द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, चहेते ठेकेदारों को नगर निगम के कार्यों के ठेके दिए जाते हैं और उनसे कमीशन के रूप में मोटी रकम ली जाती है। राज्य और केंद्र सरकार के धन का निजी हित में उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा विपक्षी पार्षदों का यह भी आरोप है कि विपक्षी होने के कारण महापौर और निगम के अधिकारी उनके वार्डों की साफ सफाई, पेयजल आपूर्ति, प्रकाश व्यवस्था व निर्माण कार्यों के मामले में भेदभाव करते हैं। इन पांच मुद्दों का हवाला देते हुए नेता प्रतिपक्ष संजय पाण्डेय और भाजपा पार्षदों ने मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कलेक्टर को पिछले दिनों आवेदन दिया था। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान के लिए नगर निगम की सामान्य सभा आहूत करने आज 29 अगस्त की तिथि तय की गई थी। बैठक में भाग लेने नेता प्रतिपक्ष संजय पाण्डेय और तमाम विपक्षी पार्षद नियत समय पर नगर निगम कार्यालय पहुंच गए। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी मेयर सफीरा साहू, नगर निगम सभापति कविता साहू और महापौर परिषद के सदस्य पहुंचे ही नहीं। इससे विपक्षी सदस्य आक्रोशित हो उठे और मेयर, सभापति एवं सत्ता पक्ष पर जमकर भड़ास निकालने लगे। संजय पाण्डेय ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मेयर को अविश्वास प्रस्ताव हारने का अहसास हो गया था। इसीलिए वे, सभापति और एमआईसी सदस्य पलायन कर गए। उन्होंने कहा कि जब सत्ता पक्ष के पास 29 सदस्य हैं तो उन्हें डर किस बात का था? जाहिर है कि रायपुर से कांग्रेस के पर्यवेक्षक प्रमोद दुबे द्वारा ली गई बैठक में जब सत्ता पक्ष के पार्षदों से चर्चा की गई होगी, तो उन पार्षदों ने भी मेयर के खिलाफ नाराजगी का इजहार किया होगा। इससे पर्यवेक्षक को अंदाजा हो गया कि मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाएगा। इसीलिए पर्यवेक्षक श्री दुबे मेयर, सभापति और एमआईसी सदस्यों को लेकर मुख्यमंत्री के पास रायपुर ले गए। श्री पाण्डेय ने कहा कि मेयर, सभापति और एमआईसी सदस्यों ने बैठक में उपस्थित न हो पाने की सूचना कलेक्टर को भी नहीं दी है। कलेक्टर भी राज्य सरकार के दबाव में पक्षपात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेयर सच्चाई से भाग नहीं सकतीं, उन्हें अविश्वास प्रस्ताव का सामना एक दिन जरूर करना पड़ेगा।