इस साल की अंतिम नेशनल लोक अदालत आज

कुल 25 खंडपीठों में सुलझाए जाएंगे मामले =

*जगदलपुर।* राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जगदलपुर मनीष कुमार ठाकुर के मार्गदर्शन में 16 दिसंबर को जिला बस्तर के मुख्यालय जगदलपुर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। लोक अदालत में आपराधिक शमनीय प्रकरण, व्यवहार वाद के प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरण, धारा 138 निई एक्ट के प्रकरण, पारिवारिक विवाद के प्रकरण, राजस्व प्रकरण एवं श्रम विवाद के प्रकरण एवं अन्य राजीनामा योग्य प्रकरणों के साथ ही बैंक, बीएसएनएल, विद्युत, जलकर, सम्पत्ति कर से संबंधित राशि वसूली के विवाद पूर्व प्रकरण (प्री-लिटिगेशन) का निराकरण किया जाएगा। लोक अदालत की तैयारी एवं पक्षकारों के मध्य सुलह से विवादों के समाधान हेतु हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीशों की 8 खंडपीठ, परिवार न्यायालय की 1 खंडपीठ एवं स्थायी लोक अदालत की 1 खंडपीठ  तथा बस्तर जिले के समस्त राजस्व न्यायालयों की कुल 15 खंडपीठों का गठन किया गया है। इन सभी 25 खंडपीठों में प्रकरणों के निराकरण हेतु सुलहकर्ता सदस्यों के रूप में पेनल अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई है। नेशनल लोक अदालत हेतु अब कुल 501 आपराधिक प्रकरण, 34 व्यवहार वाद प्रकरण, 166 मोटर दुर्घटना दावा के प्रकरण, 407 धारा 138 निई एक्ट के प्रकरण, 39 श्रम विवाद संबंधी प्रकरण, 27 पारिवारिक प्रकरण, 10 जनोपयोगी सेवा से संबंधित प्रकरण इस प्रकार कुल 1184 प्रकरण, राजस्व विभाग के 26705 प्रकरण एवं वसूली हेतु बैंक, अन्य वित्तीय संस्थान, बीएसएनएल, नगर निगम, विद्युत विभाग के प्री-लिटिगेशन से संबंधित कुल 5050 प्रकरणों को चिन्हांकित किया गया है। नेशनल लोक अदालत के आयोजन के संबंध में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जगदलपुर मनीष कुमार ठाकुर द्वारा सभी न्यायाधीशों, जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों, बीमा कंपनियों के अधिवक्ताओं, अधिकारियों, जिले के विभिन्न बैंकों के अधिकारियों, बीएसएनएल, नगर निगम के अधिकारियों के साथ समय- समय पर बैठक कर उन्हें नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण किये जाने हेतु प्रकरणों के पक्षकारों एवं उनके अधिवक्ताओं के साथ प्री-सिटिंग कर प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में निराकृत कराने हेतु प्रेरित किया गया है। नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों के मध्य सुलह समझौता एवं राजीनामा के आधार पर उनके मध्य उत्पन्न विवादों का समाधान किया जाएगा। लोक अदालत लोगों को शीघ्र एवं सस्ता न्याय सुलभ कराने का एक सशक्त माध्यम तथा विवादों को आपसी समझौते के द्वारा सुलझाने के लिये एक वैकल्पिक मंच है। लोक अदालत में न्यायालय में लंबित या विवाद पूर्व प्रकरणों का आपसी समझाईस एवं सुलह के आधार पर सौहार्दपूर्ण वातावरण में निराकरण कराया जाता है। नेशनल लोक अदालत में समझौता के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण में विवाद का अंत हो जाता है जिससे समय एवं धन की बचत होती है।

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