फुल एक्शन मोड में फोर्स, मुठभेड़ में कई नक्सली हताहत
= सुकमा जिले के नागाराम – कोत्तापल्ली के जंगलों में हुआ आमना – सामना =
= पुलिस और सुरक्षा बलों के सभी जवान हैं सुरक्षित =
*-अर्जुन झा-*
*जगदलपुर।* मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल ऑपरेशन) विवेकानंद द्वारा ली गई विशेष बैठक के बाद एंटी नक्सल ऑपरेशन में लगे सुरक्षा बलों और पुलिस के जवान फुल एक्शन मोड में आ गए हैं। बुधवार 20 दिसंबर को बस्तर संभाग के सुकमा जिले के जंगलों में घुसकर फोर्स ने नक्सलियों पर बड़ा धावा बोल दिया। दोनों ओर से ताबड़तोड़ फायरिंग हुई और लगभग आधा दर्जन नक्सलियों के हताहत होने की खबर है। सुरक्षा बलों ने एक नक्सली डेरे को मिट्टी में मिला दिया। मौके से भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, नक्सली साहित्य व अन्य सामग्री बरामद की है।
20 दिसंबर को सुबह डीआरजी, बस्तर फाइटर्स एवं कोबरा 201 बटालियन के जवान ज्वाइंट एंटी नक्सल ऑपरेशन पर सुकमा जिले के चिंतलनार थाना अंतर्गत ग्राम नागाराम एवं कोत्तापल्ली के जंगलों की ओर रवाना हुए थे। सूचना मिली थी कि नागाराम एलओएस के नक्सली बड़ी संख्या में नागाराम व कोत्तापल्ली के बीच जंगलों में मौजूद हैं और बड़ी वारदात को अंजाम देने की तैयारी में हैं। सर्चिंग के दौरान कोत्तापल्ली एवं नागाराम के जंगलों में पुलिस एवं नक्सलियों के बीच मुठभेड हो गई। सुरक्षा बलों द्वारा की गई ताबड़तोड़ फायरिंग में 5–6 नक्सलियों के हताहत होने की संभावना व्यक्त की गई है। मौके पर एक बड़ा नक्सल डेरा, विस्फोटक पदार्थ एवं भारी मात्रा में नक्सल सामग्री मिली है। सभी जवान सुरक्षित हैं एवं समाचार लिखे जाने तक मुठभेड़ चल रही थी। चार दिन पहले नक्सली हमले में सीआरपीएफ के एक सब इंस्पेक्टर शहीद हो गए थे तथा एक जवान घायल हुआ था। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ एवं अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों के अधिकारियों की बैठक लेकर नक्सलियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए थे। इसके उपरांत बीते 18 दिसंबर को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल ऑपरेशन) विवेकानंद ने बस्तर संभाग के नारायणपुर में पुलिस, सीआरपीएफ व अन्य सुरक्षा बलों के अधिकारियों की बैठक लेकर नक्सल विरोधी अभियान को विशेष रणनीति के तहत अमलीजामा पहनाने की हिदायत दी थी। एडीजी विवेकानंद ने सुकमा जिले के ग्राम बेदरे में स्थापित सीआरपीएफ के नए कैंप का मुआयना कर वहां तैनात अधिकारियों व जवानों की हौसला अफजाई की थी। इसका सकारात्मक असर आज कोत्तापल्ली और नागाराम के जंगलों में देखने को मिला है।