गार्ड को टॉयलेट में बंद कर भाग निकले तीन अपचारी बालक !
= बाल सुधार गृह दंतेवाड़ा में साल की तीसरी घटना =
= सुधार के नाम पर यातना तो नहीं दी जा रही बच्चों को =
*-अर्जुन झा-*
*जगदलपुर।* बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय स्थित बाल सुधार गृह (संप्रेक्षण गृह) में फिर एक सनसनीखेज घटना हो गई है। संप्रेक्षण गृह में निरुद्ध तीन अपचारी शातिर बालक सुधार गृह के एक चौकीदार को टॉयलेट में और दूसरे को कमरे में बंदकर भाग निकले। इस बाल सुधार गृह में कई ऐसे बालकों व किशोरों को भी रखा गया है, जो नक्सली गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। पूर्व में नक्सल वरदातों में लिप्त रहे कई बच्चे इस सुधार गृह से भाग चुके हैं। यह इस साल की तीसरी घटना है। आखिर बार -बार बाल संप्रेक्षण गृह में इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही हैं, यह गहन जांच का विषय है। सवाल उठ रहा है कि इस सुधार गृह में सुधार के नाम पर बच्चों को कहीं यातना तो नहीं दी जा रही है ?
दंतेवाड़ा स्थित बाल सुधार गृह से फिर तीन अपचारी बालकों के फरार हो जाने की घटना सामने आई है।एक साल के भीतर अपचारी बालकों के बाल सुधार गृह से भाग जाने की यह तीसरी घटना है। महिला बाल विकास विभाग की भूमिका पर सवालिया निशान लग रहे हैं।आखिर बाल सुधार गृह से बच्चे क्यों बार -बार भाग निकलते हैं, कहीं बच्चों को बाल सुधार गृह में प्रताड़ित तो नही किया जा रहा है? ये सवाल अब जनमानस में तैरने लगे हैं। इस साल सबसे पहले एकसाथ नौ बालक इस सुधार गृह से भाग गए थे। उसके बाद सात बालक रफू चक्कर हो गए थे और अब तीन अपचारी बालक भागने में कामयाब हो गए। पहले हुए फरार हुए बालकों में एक दो ही वापस लौटे हैं। इस तरह की घटनाओं से बाल संप्रेक्षण गृह की सुरक्षा व्यवस्था और संबंधित विभाग की लापरवाही उजागर हो रही है। जिला प्रशासन को इस दिशा में ध्यान देने की जरूरत है।
*बॉक्स*
*नक्सली सहयोगी बच्चे भी हैं यहां*
पूर्व में भागे बालकों में कई तो नक्सल गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं। इन बालकों को पकड़कर बाल सुधार गृह में रखा गया था। इस बार की ताजा घटना में तीनों अपचारी बालक खिड़की से कूदकर भाग निकले हैं। इन बालकों ने एक चौकीदार को टॉयलेट में और एक अन्य को रूम में बंद कर भागने की योजना को अंजाम दिया है। बार -बार हो रही इस तरह की घटनाओं से बाल सुधार गृह की सुरक्षा पर भी अब सवाल खड़े होने लगे हैं। दंतेवाड़ा नक्सल प्रभवित जिला है। बाल सुधार गृह में नक्सलियों की चाइल्ड यूनिट बाल संघम में रहे बालकों को भी अन्य अपचारी बालकों के साथ रखा गया है। महिला बाल विकास विभाग की ऐसी लापरवाही के चलते बाल सुधार गृह में कभी भी अप्रिय वारदात हो सकती है।