प्रभु राम सिर्फ हिंदुओं के लिए…’: खड़गे को पत्र लिख मोढवाडिया ने कांग्रेस से तोड़ा नाता

अहमदाबाद.  कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी की गुजरात इकाई के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने सोमवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय ने यह जानकारी दी. पोरबंदर से विधायक मोढवाडिया ने गांधीनगर में गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष शंकर चौधरी को इस्तीफा सौंपा.

विधानसभा अध्यक्ष कार्यालय ने पुष्टि की कि चौधरी ने मोढवाडिया का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. मोढवाडिया के इस्तीफे के साथ ही 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या घटकर 14 रह गई है. मोढवाडिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी पत्र लिखकर अपने इस्तीफे के बारे में बताया है, जिसमें उन्होंने बीते 22 जनवरी कोअयोध्या में संपन्न राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर कांग्रेस नेतृत्व के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है.

अर्जुन मोढवाडिया ने अपने इस्तीफे में क्या कहा?
अर्जुन मोढवाडिया ने मल्लिकार्जुन खड़गे को लिखे पत्र में कहा, “…प्रभु राम सिर्फ हिंदुओं के लिए पूजनीय नहीं हैं, बल्कि वह भारत के आस्था हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण अस्वीकार करने से भारत के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है. एक पार्टी के रूप में कांग्रेस लोगों की भावनाओं का आकलन करने में विफल रही है…”

वरिष्ठ नेता ने आगे कहा, “इस पवित्र अवसर से ध्यान भटकाने और अपमानित करने के लिए, राहुल गांधी ने असम में हंगामा खड़ा करने का प्रयास किया, जिसने हमारी पार्टी के कार्यकर्ता और भारत के नागरिकों को और नाराज किया…” उन्होंने पत्र में पार्टी के लिए अपना आभार भी जताया. उन्होंने कहा, ”पिछले चार दशकों में मेरे प्रति स्नेह के लिए मैं पार्टी नेतृत्व और उसके कार्यकर्ताओं का आभारी हूं.”

गुजरात के सबसे वरिष्ठ और प्रभावशाली विपक्षी नेताओं में से एक, मोढवाडिया ने 2022 के चुनावों में पोरबंदर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के दिग्गज नेता बाबू बोखिरिया को हराया था. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ सात मार्च को गुजरात में प्रवेश करेगी, जिससे कुछ दिन पहले मोढवाडिया ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया है.

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