बस्तर संभाग में सुरक्षा के साथ जनसेवा की शानदार मिसाल पेश कर रही है सीआरपीएफ
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नक्सलियों के खिलाफ जंग लड़ने वाले जवान करते हैं ग्रामीणों की सेवा भी =
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= गांवों में कैंप लगाकर करते हैं ग्रामीणों की जरूरतें पूरी =
*-अर्जुन झा-*
*जगदलपुर।* बस्तर संभाग में नक्सलवाद के खिलाफ जंग लड़ रही सीआरपीएफ जनसेवा का भी शानदार मिसाल पेश कर रही है। अपनी इस पहल से सीआरपीएफ ग्रामीणों का दिल जीत चुकी है।
बस्तर संभाग के बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर, कांकेर और कोंडागांव जिलों में में केंद्रीय सुरक्षा बल सीआरपीएफ की कई यूनिटें एंटी नक्सल ऑपरेशन के लिए तैनात हैं। इन यूनिटों में बल के डॉक्टर्स, इंजिनियर्स भी नियुक्त हैं। जनसेवा और सामुदायिक जिम्मेदारी निभाने के लिए सीआरपीएफ द्वारा समय समय पर सिविक एक्शन प्रोग्राम चलाया जाता है। इसके तहत गांवों में वृहद शिविर लगाकर ग्रामीणों का इलाज किया जाता है, उन्हें निशुल्क दवाएं दी जाती हैं। ग्रामीणों को बर्तन, कंबल, कपड़े, घरेलू उपयोग के सामान, छात्र छात्राओं को स्कूल बैग्स, स्टेशनरी, युवाओं को खेल सामग्री आदि प्रदान की जाती है। तालाबों की सफाई, वृक्षारोपण, नाला बंधान जैसे कार्य भी किए जाते हैं। सुकमा जिले के एक दूरस्थ गांव में तो जवानों ने नक्सलियों द्वारा बंद कर दिए गए एक श्रीराम मंदिर को खोलकर उसकी साफ सफाई कराई थी। गांव में उस दिन त्यौहार मनाया गया था। सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत सुकमा जिले के
गोरगुंडा में 10 फरवरी को बल के डीआईजी ऑपरेशन आनंद सिंह राजपुरोहित के मार्गदर्शन एवं 226वीं बटालियन के कमांडेंट धनसिंह बिष्ट के निर्देशन एवं उपस्थिति में एफ-226 बटालियन के गोरगुंडा कैंप पुलिस स्टेशन पोलमपल्ली में केंद्र सरकार द्वारा निहित सिविक एक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस प्रोग्राम के दौरान गोरगुंडा, देवरपल्ली, पुनपल्ली, नेलवाड़ा, तोयापारा, रेंगापारा, मेडवाही, अंबेडकर पारा, एटागुड़ा तथा बंजारीपारा के 500 से अधिक स्कूली बच्चे, पुरूष, महिलाएं तथा बुजुर्ग उपस्थित हुए। प्रोग्राम के तहत स्थानीय नागरिकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए स्वच्छ जल के संरक्षण हेतु ग्रामीणों को वाटर सिंटेक्स टंकी के वितरण के साथ ही स्कूली बच्चों को स्कूल ड्रेस, नोट बुक, रबर, पैंसिल, शार्पनर, पैंसिल-बॉक्स, स्कूल-बैग, गांव के पुरूषों को गमछा, लुंगी तथा महिलाओं को साड़ी, बर्तन व बुजुर्गों को कम्बल, चप्पल, खाने के लिए स्टील प्लेट गिलास, जरूरतमंद किसानों को खेती करने के लिए उपकरण गैती, फावड़ा तथा मनोरंजन हेतु टेलीविजन, घरों को रोशन करने हेतु सोलर लालटेन, नवयुवकों को खेल के प्रति जागरूक करने व उनका मनोबल बढ़ाने हेतु क्रिकेट किट, टेनिस-बॉल, वॉलीबाल, वॉलीबाल नेट, फुटबाल आदि सामानों का वितरण किया गया। कार्यक्रम में केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना “एक पेड़ मां के नाम” व “हर घर तिरंगा” के तहत ग्रामीणों व बच्चों को जोड़कर वृक्षारोपण किया गया तथा तिरंगा वितरण किया गया। इसके अतिरिक्त आसपास के गांवों के बीमार ग्रामीणों के लिए चिकित्सा शिविर लगाकर स्थानीय स्वास्थय केंद्र के चिकित्सकों के साथ- साथ 226 बटालियन के चिकित्सा अधिकारी, डॉ. बालाकृष्णा की देखरेख में रोगियों को दवाई तथा न्यूट्रिशन इत्यादि का वितरण किया गया। 100 से अधिक रोगियों तथा कुपोषित बच्चों व महिलाओं का निःशुल्क परीक्षण एवं ईलाज किया गया। आयोजन के दौरान अनुरंजन, उप कमांडेंट, अभिषेक कुमार, अंशुल मिश्रा, सहायक कमांडेंट 226 बटालियन के साथ ही गांवों के सरपंच, उप-सरपंच, पंच, पटेल, शिक्षक आदि भी उपस्थित रहे। ऐसे आयोजन से भारत सरकार तथा सीआरपीएफ के प्रति स्थानीय नागरिकों का विश्वास तथा आकर्षण बढ़ा है तथा भविष्य में इसी तरह के कार्यक्रमों का पुनः आयोजन कराने हेतु स्थानीय लोगों ने अनुरोध किया है।
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