कविता – मेरे गांव में चुनाव आया है, लगता है कोई त्यौहार आया है।


मेरे गांव में चुनाव आया है, लगता है कोई त्यौहार आया है।
हर गली कोने में आदमी सकलाया है।
इंतजार में है सब कि , नेता जी क्या-क्या सामान लाया है।
खाक होगा वहां विकास, जहा दारु पिलाके मतदान कराया है।
एक समोसा मिठाई के लिए , लोगों को लड़ते पाया है।
नाली, सड़क, पानी का किसी को जरुरत नहीं।
मतदाता को नेता जी ने नोटो से लुभाया है।
मेरे गांव में चुनाव आया है।

