राजीव गांधी अमर रहे के नारे से गुंजायमान हो उठा झीरम गांव

मंत्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, विधायक राजमन बेंजाम ने दी राजीव को श्रद्धांजलि =
जगदलपुर 21 May, (Swarnim Savera) । रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उनके अमर होने के नारे से झीरम गांव गुंजायमान हो उठा। सड़क निर्माण का भूमिपूजन करने के लिए झीरम पहुंचे जिले के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव एवं जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन तथा चित्रकोट के विधायक राजमन बेंजाम ने कार्यक्रम के दौरान स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी।
श्री लखमा, श्री जैन एवं श्री बेंजाम ने राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते विज्ञान, टेक्नोलॉजी समेत अन्य क्षेत्रों में हुई प्रगति को रेखांकित किया। मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि राजीव गांधी के कार्यकाल में भारत में दूरसंचार क्रांति की नींव रखी गई थी। सच्चे अर्थों में वे युगद्रष्टा थे। रेखचंद जैन ने कहा कि भारत में राजीव गांधी ने ही कम्प्यूटर क्रांति लाई और आज यह टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गई है। राजीव जी ने प्रधानमंत्री रहते 19वीं सदी में ही 21वीं शताब्दी की आधारशिला रख दी थी। उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण में अहम योगदान दिया है। यह राष्ट्र उनका सदैव ऋणी रहेगा। संबोधन से पहले स्व. राजीव गांधी के तैलचित्र पर अतिथियों ने माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।कार्यक्रम में पहुंचे ग्रामीणों व कांग्रेसियों ने अपने नेताओं के साथ राजीव गांधी अमर रहे के नारे लगाए। कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ के आबकारी, उद्योग व वाणिज्य मंत्री कवासी लखमा, संसदीय सचिव व जगदलपुर विधायक रेखचंद जैन, चित्रकोट विधायक राजमन बेंजाम, लक्ष्मण कश्यप, जनपद अध्यक्ष देवती बाई नाग, सरपंच कनकापाल जितेंद्र मंडावी, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष बीरसिंह बघेल, राजेश राय, वरिष्ठ कांग्रेस नेता गौरनाथ नाग, हेमू उपाध्याय, सूर्या पाणि, सुखराम नाग, संतोष सिंह समेत सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।
बॉक्स
इस कारण याद की जाती है झीरम घाटी
बस्तर जिले के दरभा विकासखंड में स्थित झीरम धुरवा आदिवासी बाहुल्य गांव है। वर्ष 2013 में 25 मई को परिवर्तन यात्रा पर निकले कांग्रेस नेताओं के काफिले पर सुकमा से लौटते समय झीरम घाटी में नक्सलियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में महेंद्र कर्मा, नंदकुमार पटेल, उदय मुदलियार समेत 30 से अधिक कांग्रेस नेताओं, सुरक्षाकर्मियों व अन्य लोगों की शहादत हो गई थी। तबसे प्रति वर्ष झीरम पहुंचकर सैकड़ों लोग अपने नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस रूप में भी कांग्रेसजन व सुरक्षाकर्मियों का त्याग तथा बलिदान याद किया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed