भ्रष्टाचार की छांव तले हो रहा है बाजार में शेड निर्माण

ब्लॉक मुख्यालय बकावंड में डीएमएफटी मद के 37 लाख रु. की लागत से चल रहा है =

बकावंड।* ब्लॉक मुख्यालय बकावंड के बाजार स्थल में 37 लाख रु. की लागत से कराए जा रहे शेड निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। अधिकारी जांच और कार्रवाई का दम जरूर भर रहे हैं, मगर धरातल पर कुछ भी नहीं किया जा रहा है। इसके चलते ठेकेदार और सरपंच सचिव मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सारा खेल अधिकारियों के संरक्षण में चल रहा है। बकावंड ब्लॉक मुख्यालय के बाजार में शेड निर्माण के लिए जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफटी) से दो भागों में 18.50 लाख और 18.50 लाख रु. समेत कुल 37 लाख रु. की स्वीकृति मिली है। निर्माण में गुणवत्ता विहीन घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है। शेड के चंद माह में ही क्षतिग्रस्त हो जाने की संभावना है। सरपंच व सचिव स्थानीय बेरोजगारों को काम देने के बजाय ठेकेदार से काम करा रहे हैं। इनकी मनमानी के चलते स्थानीय मजदूर काम के लिए भटक रहे हैं। रोजी- रोटी के लिए उन्हें पलायन हेतु मजबूर होना पड़ रहा है। जब ब्लॉक मुख्यालय की ग्राम पंचायत में घटिया सामग्री का उपयोग कर निर्माण कार्य कराया जा रहा है, तो दूरस्थ ग्राम पंचायतों में कराए जाने वाले निर्माण कार्यों की गुणवत्ता किस स्तर की रहती होगी, इसका अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है। ऐसा जान पड़ता है कि संबंधित अधिकारियों ने पंचायत प्रतिनिधियों को सरकारी धन की लूट की खुली छूट दे रखी है। ग्रामीणों ने कहा कि घटिया सामग्री का उपयोग कर ठेकेदार के द्वारा बनाए जा रहे शेड कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। स्थानीय राजमिस्त्री मजदूरों को काम देना छोड़कर बकावंड सरपंच व सचिव कमीशन के चलते ठेकेदार के द्वारा घटिया शेड बनवा रहे हैं। 2020 से लेकर आज तक ग्राम पंचायत बकावंड में जितने भी निर्माण कार्य पंचायत के जरिए कराए गए हैं, उन सभी कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। शिकायत के बाद भी अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जनपद सीईओ एसएस मंडावी ने कुछ माह पहले कहा था कि मैं आपको दो-तीन दिन में सच्चाई बता दूंगा। एसडीओ ठाकुर को जांच के लिए बोल दिया हूं। ठाकुर द्वारा जांच रिपोर्ट अभी तक मुझे नहीं दी है।

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सब गोलमाल है यहां*एसडीओ ठाकुर ने अटपटा सा जवाब दिया है कि बड़े- बड़े काम में छोटी- मोटी गलतियां होती रहती हैं। इन सब पर ध्यान नहीं देना चाहिए। आप जांच और ठेकेदार पर कार्रवाई के लिए क्यों बार-बार बोल रहे हो? इसका मतलब साफ है कि बहती गंगा में सभी हाथ धो रहे हैं। पिछले माह विभाग के इंजीनियर से जब पूछा गया था कि जांच रिपोर्ट में क्या उल्लेखहै, तब उन्होंने कुछ नहीं बताया, मगर यह जरूर कहा कि ठेकेदार को अब तक हुए सारे कार्य को तोड़कर नए सिरे से निर्माण करने के निर्देश दिए गए हैं।

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