मेरे सवालों का जवाब दो, क्या दिल्ली वाले कबूल करेंगे दीपक की चुनौती

(अर्जुन झा)*

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बस्तर सांसद दीपक बैज ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय रायपुर में भाजपा का कच्चा चिट्ठा खोलते हुए दिल्ली से आने वाले भाजपा के शीर्ष नेताओं से बस्तर से लेकर सरगुजा तक खनिज और कोल खनन में अडानी को निशाने पर लेते हुए तीखे सवाल उठाए हैं और जवाब मांगे हैं, क्या भाजपा के दिग्गज नेता दीपक बैज की चुनौती स्वीकार करने तैयार हैं, यह बस्तर की धरती पर जिज्ञासा का विषय बन गया है। प्रदेश कांग्रेस के कमांडर बस्तर सांसद दीपक बैज ने भाजपा की राज्य सरकार के 15 साल के तमाम कथित घोटालों को उजागर करने के साथ ही उनसे संबंधित तत्कालीन मंत्रियों को भी नामजद किया है। कांग्रेस की ओर से उन्होंने भाजपा का काला चिट्ठा नाम के दस्तावेज में एक-एक घोटाले और घटना का विस्तृत ब्यौरा दिया है। छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासनकाल में जो कुछ भी हुआ, वह छत्तीसगढ़ की जनता जानती है। इसीलिए 15 साल बाद भाजपा को ऐसा रुखसत किया गया कि बीते 5 साल में राज्य में वह कोई चुनाव नहीं जीत पाई। हालांकि लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय कारणों से छत्तीसगढ़ में भाजपा को उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली। भाजपा ने सोचा भी नहीं होगा कि 2018 के अंत में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित होने के बाद वह लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 11 में से 9 सीट जीत लेगी। उस समय निश्चित तौर पर पूरे देश में मोदी के नाम की आंधी चल रही थी लेकिन बस्तर में दीपक बैज ने जो कर दिखाया, वह अद्भुत है। बस्तर ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को चुना और लोकसभा चुनाव में बस्तर में दीपक बैज कांग्रेस की रोशनी बनकर उभरे।उन्होंने विधायक रहते हुए भी बस्तर के मुद्दों पर काफी काम किया और सांसद बनने के बाद तो वह बस्तर ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की आवाज बन गए। उन्हें सक्रियता और आक्रामकता के साथ केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का यह प्रतिफल मिला कि उन्हें कांग्रेस ने चुनाव के ठीक पहले प्रदेश संगठन की बागडोर सौंप दी। दीपक बैज के तेवर भाजपा के खिलाफ अब पहले से अधिक तीखे हैं। वह राज्य के भाजपा नेताओं से ज्यादा केंद्र के भाजपा नेताओं के लिए चुनौती बनकर सामने आए हैं। कदाचित उनका मानना है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के पास ऐसा कोई नेता नहीं है जो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम और काम के सामने जरा सा भी टिक पाए। रही बात केंद्र के भाजपा नेताओं की तो दीपक बैज दिल्ली में भी इन्हें चुनौती देते रहते हैं फिर छत्तीसगढ़ में तो उनका खास स्वागत जरूरी है। आज देश के गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं। इन दोनों महारथियों के दौरे के एक रोज पहले दीपक बैज ने बस्तर के नगरनार से लेकर दंतेवाड़ा में खनिज खदान की लीज आज भी अडानी के नाम होने पर जो सवाल उठाया है, उसका जवाब वे शाह और प्रधानमंत्री मोदी से चाहते हैं। दीपक बैज ने कोल और खनिज के मुद्दे पर अडानी के प्रति भाजपा की केंद्र सरकार की सदाशयता को सामने रखकर एक खास किस्म की चुनौती भाजपा को दे दी है। अडानी के नाम पर भाजपा रक्षात्मक क्यों हो जाती है, यह दीपक बैज जनता को बताना चाहते हैं। दीपक बैज ने भाजपा की दुखती रग पर हाथ रख दिया है। अब भाजपा की ओर से मोदी और शाह जो जवाब देंगे, वह सामने आएगा। नहीं देंगे तो यह भी सामने आएगा कि उनके पास कोई जवाब नहीं है। इस तरह दीपक बैज ने एक तीर से दो निशाने साथ दिए हैं।

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