सवा करोड़ रु. डकारने वाले डीएफओ पर सरकार मेहरबान: केदार
बेलगाम अफसर दे रहे हैं भ्रष्टाचार को अंजाम : केदार कश्यप =
= जगदलपुर वन मंडल में कैंपा मद की राशि की जमकर हुई बंदरबाट =
*जगदलपुर 21 June (Swarnim Savera) । पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता केदार कश्यप ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के संरक्षण में अफसर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कैम्पा मद की राशि की बंदरबाट करने वाला जगदलपुर के डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार के संरक्षण में विकास कार्यों की राशि के बंदरबाट करने वाले अफसर पर सरकार मेहरबान है। उन्होंने कहा कि वनोपज संग्रहण करने वाले संग्राहकों की संख्या कागजों में बताकर कोचिया से वनोपज खरीदी कर संग्राहकों के मिलने वाले हक पर विभाग के अफसर डाका डाल रहे हैं। वन मंडल अधिकारी सरकारी तिजोरी में सेंधमारी कर सवा करोड़ रु. डकार गए। उन्होंने कमीशन सरकार तक पहुंचने का आरोप भी लगाया। ज्ञातव्य हो कि बस्तर वन मंडल के अफसर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर दबाव बनाकर क्रय नियम को दरकिनार करते हुए बिगड़े वनों के सुधार के नाम पर कैम्पा मद की सवा करोड़ से अधिक की राशि की बंदरबाट करने का खुलासा हुआ है। मामला उजागर होते ही जगदलपुर डीएफओ से कैम्पा मद का वित्तीय प्रभार छीन लिया गया है। मामले की जांच रिपोर्ट राजधानी में पीसीसीएफ के दफ्तर तक पहुंच चुकी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे लगता है कि मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।
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*भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो*
पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने आरोप लगाया है कि सरकार के संरक्षण में वन विभाग के अफसर केंद्र सरकार के मद की राशि की बंदरबाट करने में जुटे हैं। इस बंदरबाट का कमीशन सरकार तक पहुंचने का आरोप उन्होंने लगाया है। उन्होंने कहा कि जांच में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद भी डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई नहीं होना दर्शाता है कि सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कर्मचारी कोई गड़बड़ी करते हैं तो बड़े अधिकारी छोटे कर्मचारियों को निलंबित करने में जरा भी देर नहीं करते। तो फिर ऐसे भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई में विलंब क्यों?
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*वनोपज खरीदी में भी भ्रष्टाचार*
श्री कश्यप ने बस्तर में वनोपज खरीदी के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप लगाते कहा कि विभाग द्वारा संग्राहकों का झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर संग्राहकों के हक पर डाका डाला जा रहा है। वनोपजों की खरीदी कोचियों से कर लक्ष्य की पूर्ति दर्शा दी जाती है और कमीशन का खेल खेला जाता है। वनोपज खरीदी में भी करोड़ों का भ्रष्टाचार किया जाता है। कांग्रेस सरकार इस पर भी नियंत्रण नहीं लगा पा रही है। इससे लगता है कि यह खेल भी भूपेश बघेल सरकार के संरक्षण में चल रहा है।