रेल को पलटाने की साजिश में नया अपडेट… लोको पायलट-जूनियर इंजीनियर बताएंगे क्या हुआ था उस दिन

कानपुर/ उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश में पुलिस और खुफिया एजेंसियां जांच में जुटी हैं, हालांकि अभी हाथ खाली हैं। छह नए संदिग्ध पुलिस और एजेंसियों के रडार पर आए हैं। छह संदिग्धों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रडार पर लिया है। वहीं, कालिंदी एक्सप्रेस के लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वादी जूनियर इंजीनियर रमेश चंद्र को बयान दर्ज कराने के लिए पत्र भेजा गया है। आपको बता दें कि कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश में पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने छह नए संदिग्धों को रडार पर लिया है। इनकी फुटेज भी सीसीटीवी में कैद हुई है। अलग-अलग स्थान और वक्त पर यह संदिग्ध पुलिस और खुफिया एजेंसियों की नजर में आए हैं।पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शिवराजपुर और उसके आसपास के गांव में पूछताछ पूरी होने के बाद अब जांच का दायरा आगे बढ़ाया गया है। अधिकारियों का दावा है कि इस समय कोई भी संदिग्ध उनकी हिरासत में नहीं है। जिस हिस्ट्रीशीटर से पूछताछ की गई थी उसके बताए तथ्यों को तस्दीक किया जा रहा है।वहीं एनआईए, आईबी समेत कई अन्य एजेंसियां इस मामले में इंटेलीजेंस इनपुट जुटा रही हैं। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि सियाराम मिष्ठान भंडार से जो डीवीआर लाई गई थी उसमें लगभग 10 दिन पहले तक की सारी फुटेज देखी गई है। उसमें अब तक कुछ नहीं मिल पाया है।

अब कोई नहीं पुलिस हिरासत में
डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस ने करीब 28 संदिग्धों को उठाकर पूछताछ की है। सभी से पूछताछ के बाद जो तथ्य सामने आए है उनकी तस्दीक की जा रही है। वर्तमान में पुलिस कस्टडी में कोई नहीं है। एजेंसियां इसपर क्या काम कर रही है इसकी जानकारी पुलिस के पास नहीं है।

बयान दर्ज कराने को लोको पायलट समेत तीन को भेजा पत्र
उधर, कालिंदी एक्सप्रेस को बेपटरी करने की साजिश को लेकर अब पुलिस ने बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मामले में कालिंदी एक्सप्रेस के लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट, रिपोर्ट दर्ज कराने वाले वादी जूनियर इंजीनियर रमेश चंद्र को बयान दर्ज कराने के लिए पत्र भेजा गया है। इनके बयान दर्ज होने के बाद गेटमैन के बयान दर्ज किए जाएंगे। डीसीपी ने बताया कि सभी से घटना के संबंध में बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके बाद अन्य लोगों के बयान दर्ज किए जाएंगे।

पुराने रेल हादसों से जानकारी जुटाएगी पुलिस
एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि जो पुराने रेल हादसे फर्रूखाबाद, फिरोजाबाद, एटा और प्रयागराज में हुए हैं, उनकी जानकारी व तथ्यों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए टीमों को भेजा गया है। वहां से जो भी तथ्य मिलेंगे, उससे इस जांच में लाभ मिलने की संभावना है।

मशीन खराब होने से नहीं हो सकी जांच, 27 दिन बाद एफएसएल ने पुलिस को वापस भेजे नमूने
वहीं, साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे पटरी से उतरने के मामले में चल रही जांच लखनऊ स्थित फॉरेंसिक साइंस लैब की मशीन खराब होने से अटक गई है। एफएसएल ने 27 दिन बाद किसी और संस्थान से जांच के लिए सैंपल कानपुर पुलिस को लौटा दिए हैं। डीसीपी पश्चिम ने बताया कि अब नमूने सेंट्रल फॉरेंसिक लैब को जांच के लिए भेजे जाएंगे।

बता दें, वाराणसी से अहमदाबाद जा रही साबरमती एक्सप्रेस 17 अगस्त को गोविंदपुरी और भीमसेन स्टेशन के बीच बोल्डर (लोहे के बड़े टुकड़े) से टकरा गई थी। इससे इंजन समेत ट्रेन के सभी 22 डिब्बे पटरी से उतर गए थे।

उस दौरान घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम ने पहुंचकर बोल्डर और इंजन में लगे कैटल गार्ड से लिए गए नमूनों की जांच होनी है। डीसीपी ने बताया कि चंडीगढ़, हैदराबाद, दिल्ली और पुणे में फॉरेंसिक साइंस की सेंट्रल लैब है। जहां से रिपोर्ट जल्दी मिलने की उम्मीद होगी वहां नमूनों को जांच के लिए भेज दिया जाएगा।

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