इंटरनेट पर रुकेगी फिल्मी सामग्री, विधेयक मंजूर
नयी दिल्ली, 20 अप्रैल , (Swarnim Savera) / केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2023 को मंजूरी प्रदान की। इसमें फिल्मों में साहित्यिक/सामग्री की चोरी या पायरेसी के जरिये फिल्मों के इंटरनेट पर प्रसारित होने से रोकने की व्यवस्था है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि संसद के अगले सत्र में सिनेमेटोग्राफी विधेयक 2023 को पेश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में इस संबंध में एक विधेयक पेश किया गया था। बाद में संसद की स्थायी समिति के सुझाव पर सभी पक्षकारों के साथ चर्चा की गई।
मंत्री ने कहा कि फिल्मों में साहित्यिक/सामग्री की चोरी या पायरेसी से नुकसान नहीं हो, इसलिये यह विधेयक तैयार किया गया है। इससे पूरे फिल्म जगत को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि विधेयक में फिल्मों को वर्तमान ‘यू’, ‘ए’ और ‘यूए’ की व्यवस्था के बजाय आयु वर्ग के हिसाब से वर्गीकरण करने का प्रावधान किया गया है। ज्ञात हो कि ‘यू’ प्रमाणन बिना रोक के सार्वजनिक प्रदर्शन करने से संबंधित है जबकि ‘ए’ प्रमाणन वयस्क आयु वर्ग के दर्शकों के लिए तथा ‘यूए’ प्रमाणन अभिभावकों की निगरानी में 12 वर्ष से नीचे के बच्चों के लिए है।
‘राष्ट्रीय क्वांटम मिशन’ मंजूर
मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन को भी मंजूरी दे दी। इस पर 8 वर्षों में करीब छह हजार करोड़ का व्यय आयेगा। यह मिशन सटीक समय, संचार और नौवहन के लिए परमाणु प्रणालियों और परमाणु घड़ियों में उच्च संवेदनशीलता से लैस मैग्नेटोमीटर विकसित करने में मदद करेगा। इसकी समयावधि वर्ष 2023-24 से 2030-31 तक होगी। इस नये मिशन के तहत सुपरकंडक्टिंग और फोटोनिक तकनीक जैसे विभिन्न प्लेटफाॅर्म में आठ वर्षों में 50-1000 भौतिक क्यूबिट की क्षमता वाला मध्यवर्ती स्तर का क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने की परिकल्पना की गई है।