डायरिया की चपेट में ग्रेनो की पूरी सोसाइटी, 1500 से ज्यादा लोग बीमार और 50 भर्ती

ग्रेटर नोएडा / ग्रेनो वेस्ट की इको विलेज-2 सोसाइटी के ज्यादातर निवासी डायरिया की चपेट में आ गए हैं। सोसाइटी में करीब 3000 परिवार रहते है। इनमें से 1500 परिवार ऐसे हैं, जहां एक से दो सदस्य बीमार हैं। कई घरों में पूरा परिवार ही बीमार है। 50 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती कराए जा चुके हैं। बीमार होने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं। लोगों का आरोप है कि सोसाइटी का  पानी दूषित है। वहीं, मंगलवार सुबह स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की टीम ने जांच शिविर लगाया, जहां 350 निवासी इलाज कराने पहुंचे, जबकि शाम को दो निजी अस्पतालों की टीमों ने भी शिविर लगाकर 200 लोगों का इलाज किया। प्राधिकरण, स्वास्थ्य विभाग और भूगर्भ जल विभाग ने पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं।निवासियों ने बताया कि पिछले सप्ताह सोसाइटी में पानी की टंकियों की सफाई की गई थी। इसके बाद से लोग लगातार बीमार हो रहे हैं। रविवार से परेशानी बढ़ने लगी। सोमवार शाम तक 50 से अधिक लोग डायरिया की चपेट में आ गए। छह से अधिक बच्चों व अन्य को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। सूचना मिलने पर मंगलवार सुबह 10 बजे बिसरख स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल की टीम सोसाइटी पहुंच गई और क्लब में दवाइयों के साथ शिविर लगाया।

Greater Noida : डायरिया की चपेट में ग्रेनो की पूरी सोसाइटी, 1500 से ज्यादा लोग बीमार और 50 भर्ती

अमर उजाला नेटवर्क, ग्रेटर नोएडा Published by: दुष्यंत शर्मा Updated Wed, 04 Sep 2024 06:10 AM IST

सार

57206 Followersदिल्ली-एनसीआर

सोसाइटी में करीब 3000 परिवार रहते है। इनमें से 1500 परिवार ऐसे हैं, जहां एक से दो सदस्य बीमार हैं। कई घरों में पूरा परिवार ही बीमार है। 50 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती कराए जा चुके हैं। बीमार होने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं। लोगों का आरोप है कि सोसाइटी का  पानी दूषित है। 

The entire society of Greater Noida is in the grip of diarrhea, more than 1500 people are sick

बेहोश होकर गिर गई महिला – फोटो : अमर उजाला

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ग्रेनो वेस्ट की इको विलेज-2 सोसाइटी के ज्यादातर निवासी डायरिया की चपेट में आ गए हैं। सोसाइटी में करीब 3000 परिवार रहते है। इनमें से 1500 परिवार ऐसे हैं, जहां एक से दो सदस्य बीमार हैं। कई घरों में पूरा परिवार ही बीमार है। 50 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती कराए जा चुके हैं। बीमार होने वालों में ज्यादातर बच्चे हैं। लोगों का आरोप है कि सोसाइटी का  पानी दूषित है। 

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वहीं, मंगलवार सुबह स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की टीम ने जांच शिविर लगाया, जहां 350 निवासी इलाज कराने पहुंचे, जबकि शाम को दो निजी अस्पतालों की टीमों ने भी शिविर लगाकर 200 लोगों का इलाज किया। प्राधिकरण, स्वास्थ्य विभाग और भूगर्भ जल विभाग ने पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं।

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निवासियों ने बताया कि पिछले सप्ताह सोसाइटी में पानी की टंकियों की सफाई की गई थी। इसके बाद से लोग लगातार बीमार हो रहे हैं। रविवार से परेशानी बढ़ने लगी। सोमवार शाम तक 50 से अधिक लोग डायरिया की चपेट में आ गए। छह से अधिक बच्चों व अन्य को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। सूचना मिलने पर मंगलवार सुबह 10 बजे बिसरख स्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल की टीम सोसाइटी पहुंच गई और क्लब में दवाइयों के साथ शिविर लगाया।

https://youtube.com/watch?v=8SvgePto4Jo%3Fsi%3D7vT0xlU_gOt6ldon

जैसे ही इसकी सूचना निवासियों को लगी तो वहां पर बीमार होने वालों की हुजूम उमड़ पड़ा। इनमें सबसे अधिक महिलाएं और बच्चे थे। स्वास्थ्य विभाग ने 350 लोगों को जांच के बाद दवा दी। दोपहर 5 बजे के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम लौटी। इसके बाद दो निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की टीम पहुंची। उन्होंने शाम तक 200 से अधिक बच्चे व बड़ों के स्वास्थ्य की जांच की। लोगों का आरोप है कि दूषित पानी की आपूर्ति के कारण लोग उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार से पीड़ित हैं। मंगलवार रात तक 1500 से ज्यादा लोग बीमार हो चुके थे, जबकि 50 से ज्यादा लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।

बेहोश होकर गिर गई महिला
टावर बी-4 निवासी अल्का त्रिपाठी भी शिविर में जांच कराने पहुंचीं, लेकिन अचानक बेहोश होकर फर्श पर गिर पड़ीं। लोगों ने उन्हें उठाया। इसके बाद डॉक्टरों ने महिला के स्वास्थ्य की जांच की और अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी। नूमेड अस्पताल में 3 से 9 वर्ष तक के 10 से अधिक बच्चे भर्ती है, जबकि यथार्थ अस्पताल में भी काफी लोग भर्ती हैं। 

विभिन्न विभागों की टीमें पहुंचीं
सोसाइटी में डायरिया का हाहाकार मचने के बाद विभिन्न विभाग के अफसरों में खलबली मची। सीएमओ डाॅ. सुनील शर्मा सोसाइटी में पहुंचे। जबकि प्राधिकरण, यूपीपीसीबी, भूगर्भ जल विभाग, मलेरिया विभाग और दादरी तहसील की टीमें भी जांच करने पहुंचीं। प्राधिकरण ने अंडरग्राउंड वाटर टैंक, टावरों के टैंक और बीमार होने वाले लोगों के घरों से पानी के नमूने लिए गए हैं। अंडरग्राउंड टैंक में काई जमी हुई मिली है। इससे भी बीमार होने की आशंका हैं। स्वास्थ्य विभाग ने निवासियों से पानी के नमूने लेकर जांच के लिए भेजे हैं। भूगर्भ जल विभा व यूपीपीसीबी ने एसटीपी के पानी का नमूना लिया है। निवासियों ने एसटीपी का पानी टैंक में मिलने की शिकायत की थी, लेकिन जांच में ऐसा नहीं मिला।

पानी में निकले कीड़े, निवासियों में रोष
इको विलेज-वन सोसाइटी के एक फ्लैट में पानी में कीड़े निकले हैं। रविवार को इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। निवासियों का आरोप है कि सुबह के समय जब पानी बर्तन में भरा गया तो कीड़े दिखे। निवासी विजय ने इसकी शिकायत मेंटेनेंस टीम से की। कीड़े निकलने की जानकारी सोसाइटी के व्हाट्सएप ग्रुप पर भी दी। इसके बाद सोसाइटी के निवासी भी सहमे हुए हैं। 

ऑफिस से आए तो हो गए बीमार :
नीति आयोग में कार्यरत व बी-4 टावर निवासी प्रवीण भारद्वाज ने बताया कि वे यहां नहीं थे। पत्नी और बेटी के बीमार होने की जानकारी लगी तो सोमवार शाम को घर पहुंचे। यहां पहुंचने से पहले उनकी तबीयत ठीक थी, लेकिन रात में पेट दर्द होने लगा, जबकि पत्नी और बेटी दो दिन से डायरिया की चपेट में हैं। 

लार्वा मिलने पर लगाया 10 हजार का जुर्माना
जिला मलेरिया अधिकारी ने सोसाइटी के बेसमेंट में जांच की तो मच्छरों का लार्वा मिला। इस पर बिल्डर पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। 

स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार सोसाइटी के हालात पर नजर रख रही है। डॉक्टरों की टीम ने शिविर लगाकर जांच की। सभी लोगों में उल्टी, दस्त और बुखार जैसे एकसमान लक्षण मिले हैं। पानी दूषित होने की संभावना हैं। पानी की जांच करवाई जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– डाॅ. सुनील कुमार शर्मा, सीएमओ गौतमबुद्ध नगर

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