बकावंड की बत्ती एक साल से गुल!

सोलर हाई मास्ट लाईट बंद पड़ी है सालभर से; क्रेडा की बड़ी लापरवाही =

= सूर्यदेव  को ग्रहण लगा दिया क्रेडा के अफसरों ने =

*-अर्जुन झा-*

*बकावंड।* ग्राम पंचायत बकावंड़ की बत्ती एक साल से गुल है। सोलर एनर्जी यानि सूरज देवता की ऊर्जा से बस्ती की सड़कों और गलियों को रौशन करने की योजना पर सूर्य ग्रहण लग गया है। इससे क्रेडा की बड़ी लापरवाही उजागर हो गई है।      

          छत्तीसगढ़ शासन के क्रेडा विभाग द्वारा बस्तर जिले के गांवों में एक साल  पहले सौर ऊर्जा चलित हाई मास्ट लाइटें लगाई गई थीं। इस कार्य में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। स्तरहीन पैनल, खंभे और बल्ब लगाए गए थे। इसका नतीजा यह हुआ कि लाखों खर्च करने के बाद भी ये लाइटें ज्यादा दिन तक रौशनी नहीं बिखेर पाईं। सूर्य ऊर्जा के उपयोग की योजना को भ्रष्टाचार का सूर्यग्रहण लग गया है। बकावंड ब्लॉक मुख्यालय में हाई मास्ट सोलर लाइट सिस्टम का पूरी तरह भट्ठा बैठ चुका है। सोलर हाई मास्ट लाईट लगने के बाद ग्राम पंचायत ने अपने स्तर पर की जाने वाली स्ट्रीट लाइट व्यवस्था से हाथ खींच लिया। अब बस्ती वासी न घर के रह गए हैं, न घाट के। सारी की सारी सोलर लाईटें सालभर से बंद पड़ी हैं। रात में सड़कों पर अंधेरा पसरा रहता है, जिसके कारण आवागमन में ग्रामीणों को बड़ी परेशानी हो रही है।शाम 6 बजे से मुख्य चौक पर अंधेरा छा जाता है। इस कारण दुर्घटनाएं भी होती रहती हैं। गांव की मुख्य सड़कों और गलियों में घुप अंधेरा छाया रहता है।स्थिति यह है कि ग्राम पंचायत और क्रेडा की लापरवाही के कारण हाई मास्क लाइट्स की नियमित देखभाल नहीं हो रही है। इसके अलावा, कुछ शरारती तत्वों ने कब्जा बनाकर रखें है। हाई मास्ट लाइट्स बंद रहने का सबसे ज्यादा असर गांव के बुजुर्गों और बच्चों पर पड़ रहा है। बुजुर्गों को शाम के समय बाहर बैठने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जबकि बच्चे अपने चौक के पास सामने खेल भी नहीं पा रहे हैं। गांव के मुख्य मार्गों से लेकर छोटी गलियों तक स्ट्रीट लाइट की सुविधा नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत द्वारा स्ट्रीट लाइट लगवाने का उद्देश्य तो पूरा नहीं हो रहा है, बल्कि उल्टे सार्वजनिक संपत्ति की बर्बादी हो रही है। इस समस्या के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। ग्राम पंचायत बकावड़ में बिजली खम्भों पर लगी स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। सालों से खराब लाइटों को ठीक नहीं कराया गया है। इससे रात में गांवों में अंधेरा पसरा रहता है। लोगों का कहना है कि लाइटों को लगाने में लाखो रुपये खर्च किए गए थे। लेकिन गुणवत्ता ठीक न होने के कारण लाइटें कुछ महीनों में ही खराब हो गई। लोगों ने लाइटों को टीक कराने की मांग की है। वहीं पंचायत सचिव ओंकार गागड़ा ने हाई मास्ट लाईट की व्यवस्था पर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा कि वजह क्रेडा के कर्मी ही बता पाएंगे।

*वर्सन*

*क्रेडा से करूंगा बात*

सोलर हाई मास्ट लाईट हमारे अधीन नहीं है। इसकी सारी व्यवस्थाएं क्रेडा सम्हालता है। सोलर हाई मास्ट लाइट्स को सुधारने के लिए जल्द क्रेडा के अधिकारियों से चर्चा कर व्यवस्था सुधारने की पहल की जाएगी।

       *पारेश्वर कुर्रे,*

     सीईओ, जनपद पंचायत बकावंड

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